
हीट स्ट्रोक के मामले गर्मियों में बढ़ना एक गंभीर चिंता का विषय है
हीट स्ट्रोक के मामले गर्मियों में बढ़ना एक गंभीर चिंता का विषय है, खासकर अयोध्या जैसे स्थानों में जहां तापमान अत्यधिक हो सकता है। अयोध्या के अस्पतालों में हीट वेव से पीड़ित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होना एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत है। हीट स्ट्रोक तब होता है जब शरीर का तापमान अत्यधिक बढ़ जाता है और शरीर की तापमान नियंत्रित करने की क्षमता प्रभावित होती है। इसके कारण व्यक्ति को सिरदर्द, चक्कर, उल्टी, अत्यधिक पसीना, और यहां तक कि बेहोशी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
हीट स्ट्रोक से बचाव के उपाय:
- पानी का सेवन बढ़ाएं: दिन भर में अधिक से अधिक पानी पीएं।
- हल्के और ढीले कपड़े पहनें: सूती और हल्के रंग के कपड़े पहनें।
- धूप से बचें: दोपहर के समय धूप में निकलने से बचें।
- छाया में रहें: जितना हो सके छाया में रहने की कोशिश करें।
- ठंडे शावर लें: दिन में एक या दो बार ठंडे पानी से नहाएं।
- शीतल पेय का सेवन: नींबू पानी, नारियल पानी जैसे शीतल पेय का सेवन करें।
हीट स्ट्रोक के लक्षण:
- तेज बुखार (104°F या इससे अधिक)
- गर्म और शुष्क त्वचा (पसीने के बिना)
- तेज सांस लेना और दिल की धड़कन बढ़ना
- सिरदर्द, चक्कर आना और बेहोशी
- उल्टी और मतली
हीट स्ट्रोक होने पर क्या करें:
- व्यक्ति को छाया में ले जाएं: तुरंत उसे ठंडी और छायादार जगह पर ले जाएं।
- कपड़े ढीले करें: उसके कपड़े ढीले करें और शरीर को ठंडा करने की कोशिश करें।
- ठंडे पानी का उपयोग: ठंडे पानी से उसके शरीर को पोंछें या गीले कपड़े से उसे ढक दें।
- पानी पिलाएं: अगर व्यक्ति सचेत है तो उसे ठंडा पानी पिलाएं।
- तुरंत चिकित्सा सहायता लें: हीट स्ट्रोक गंभीर हो सकता है, इसलिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
हीट वेव की समस्या से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और आम जनता के सहयोग से ही इस चुनौती का सामना किया जा सकता है और पीड़ितों की संख्या में कमी लाई जा सकती है।
अयोध्या में स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को जागरूकता फैलाने और पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में कदम उठाने चाहिए।
