
50 कुंतल फूलों से सजे अयोध्या के 4 मंदिर: राम मंदिर, हनुमानगढ़ी, कनक भवन और सरयू घाट
अयोध्या, जो अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, हाल ही में एक भव्य आयोजन का साक्षी बना, जहां 50 कुंतल फूलों से चार प्रमुख मंदिरों और सरयू घाटों को सजाया गया। इस शानदार सजावट ने पूरे क्षेत्र को एक दिव्य और आनंदमय माहौल से भर दिया। आइए जानते हैं इन चार मंदिरों और घाटों के बारे में:
1. राम मंदिर
राम मंदिर, अयोध्या का प्रमुख धार्मिक स्थल है और भगवान राम का जन्मस्थान माना जाता है। 50 कुंतल फूलों से सजे इस मंदिर ने भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। विविध रंगों और खुशबुओं से मंदिर की सजावट ने वहां की पवित्रता और सुंदरता को और बढ़ा दिया।
2. हनुमानगढ़ी
हनुमानगढ़ी मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है और यह अयोध्या के सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है। फूलों से सजे इस मंदिर ने भक्तों को एक विशेष आनंद और आस्था का अनुभव कराया। यह स्थल भक्तों के लिए हमेशा ही विशेष रहा है, और इस आयोजन ने इसे और भी खास बना दिया।
3. कनक भवन
कनक भवन, जो सीता और राम को समर्पित है, को भी 50 कुंतल फूलों से सजाया गया। इस भव्य सजावट ने मंदिर की सुंदरता को और बढ़ाया और भक्तों को अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव प्रदान किया। मंदिर के आंगन और गर्भगृह को फूलों से सजाने से वातावरण और भी मधुर और मनोहारी हो गया।
4. सरयू घाट
सरयू नदी के किनारे स्थित घाटों को भी फूलों से सजाया गया, जिससे वहां का दृश्य और भी मनमोहक हो गया। सरयू घाटों पर इस सजावट ने न केवल धार्मिकता को बढ़ावा दिया बल्कि यहां आने वाले पर्यटकों और भक्तों को भी एक अद्वितीय दृश्य प्रदान किया।
Best Stay Rooms in Ayodhya
अयोध्या के इन चार प्रमुख मंदिरों और सरयू घाटों को 50 कुंतल फूलों से सजाने का यह भव्य आयोजन धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण था। इसने न केवल भक्तों की आस्था को प्रबल किया बल्कि अयोध्या की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता को भी उजागर किया। इस आयोजन ने न केवल स्थानीय भक्तों बल्कि दूर-दूर से आने वाले पर्यटकों को भी मंत्रमुग्ध कर दिया।
-
अयोध्या: भगवान श्रीराम की पावन जन्मभूमि
अयोध्या, वह पवित्र नगरी जहाँ भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था, भारतीय संस्कृति, इतिहास और आस्था का केंद्र मानी जाती है। यह नगर न केवल हिन्दू धर्म के लिए बल्कि […]
-
वसंत पंचमी 2025: जानें सरस्वती पूजा का महत्व और इस पर्व को मनाने की वजह
वसंत पंचमी 2025: एक पावन पर्व की शुरुआत वसंत पंचमी 2025 भारत सहित पूरे विश्व में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई जाएगी। यह पर्व हर वर्ष माघ मास के […]
-
मौनी अमावस्या 2025: अयोध्या में पावन स्नान का महत्व और शुभ मुहूर्त
सनातन धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व है। यह दिन आत्मसंयम, तपस्या और दान-पुण्य के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। भारत के विभिन्न तीर्थस्थलों में इस दिन विशेष […]










