नौतपा के दौरान रामलला की सेवा में कुछ बदलाव किए गए हैं। अब भगवान को कूलर की हवा नहीं दी जा रही है, बल्कि एसी की हवा में रखा गया है। इसके साथ ही, उन्हें हल्के सूती कपड़े पहनाए गए हैं। इस मौसम में भगवान को लस्सी और रसीले फलों का भोग लगाया जा रहा है।
रामलला की सेवा में यह बदलाव उनकी देखभाल को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से किया गया है, ताकि गर्मी के दिनों में उनकी सेवा अधिक आरामदायक और उपयुक्त हो सके| नगर के वैष्णो मंदिर में भी अक्षय तृतीया से भगवान को शीतल वस्तुओं का भोग लगाया जा रहा है और उन्हें भी सूती कपड़े पहनाए जा रहे हैं ।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने हाल ही में बताया कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्रतिमा 51 इंच लंबी होगी। इसमें भगवान राम का बालरूप में दर्शन होगा ।
यह प्रतिमा खड़े बालक के रूप में कमल के ऊपर स्थापित की जाएगी। ताकि सूर्य की पहली किरण प्रतिमा के ललाट पर पड़े|