
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के बाद से सुरक्षा प्रबंधों को मजबूत किया जा रहा है
आतंकी हमलों की संभावनाओं के मद्देनजर अयोध्या की सुरक्षा को और पुख्ता किया जा रहा है। इस संदर्भ में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के कमांडो की तैनाती का निर्णय लिया है। अयोध्या में एनएसजी की एक यूनिट स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है, जिसके लिए जमीन की तलाश की जा रही है।
यह कदम अयोध्या की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, क्योंकि विभिन्न आतंकी संगठनों की नजर अयोध्या पर है। एनएसजी कमांडो की तैनाती से किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने में मदद मिलेगी और सुरक्षा व्यवस्था को और भी मजबूत किया जा सकेगा। एनएसजी, जिसे ‘ब्लैक कैट्स’ भी कहा जाता है, आतंकवाद से निपटने और विशेष सुरक्षा प्रदान करने में माहिर है। अयोध्या में उनकी उपस्थिति से सुरक्षा तंत्र में महत्वपूर्ण सुधार की उम्मीद है।
इस योजना के तहत, एनएसजी यूनिट के लिए उपयुक्त स्थान की पहचान और चयन का कार्य तेजी से किया जा रहा है। यह निर्णय स्थानीय और राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर और उसके आसपास के क्षेत्र को सुरक्षित रखा जा सके।
अयोध्या में राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) सेंटर स्थापित करने के लिए भूमि की तलाश तेजी से की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, एनएसजी सेंटर के लिए अयोध्या के कैंट क्षेत्र में भूमि के लिए सेना से संपर्क किया गया है। यह क्षेत्र रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है और सुरक्षा के लिहाज से उपयुक्त है।
इसके साथ ही, जिला प्रशासन के साथ भी जमीन उपलब्ध कराने के संबंध में बातचीत चल रही है। प्रशासनिक स्तर पर उपयुक्त भूमि की पहचान और चयन का कार्य प्रगति पर है, ताकि एनएसजी यूनिट की स्थापना शीघ्र हो सके।
एनएसजी सेंटर की स्थापना का उद्देश्य अयोध्या की सुरक्षा को और मजबूत करना है, खासकर श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के बाद। यह कदम सुरक्षा उपायों को और पुख्ता करने के लिए उठाया जा रहा है, जिससे किसी भी संभावित आतंकी हमले या विषम परिस्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।
एनएसजी की तैनाती से अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार होगा और तीर्थयात्रियों एवं स्थानीय निवासियों को अतिरिक्त सुरक्षा का भरोसा मिलेगा। भूमि की तलाश और यूनिट की स्थापना की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने के लिए सभी संबंधित विभागों के बीच समन्वय किया जा रहा है।
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